मै तो उसका समझ रहा था कच्चा पानी
लेकिन वो तो जीत गया करके मनमानी
वो जीता तो सच है,, मुझको बुरा लगा
लेकिन कहा किख़ुद मैंने की थी नादानी
अच्छाहुआ जोउसने अपनी लाज बचाली
आज भले चंगों की नीयत निकली कानी
नमक मिलेगा आटे में तो चल जाएगा
यार हुए, आमादा ..कर डाली शैतानी
हम कैसे उम्र दराज़ हुए? हैरत होती है
अब तक करते मिलते हैं बातें बचकानी
Tuesday, June 23, 2009
Wednesday, June 10, 2009
असर हम पर न हो जाए जमाना है बदलने का
सफर है जिंदगी भर का ,है वादा साथ चलने का
मुसीबत ने बयां कर दी मुसीबत रिश्ते नातों की
बहाना ढूंढते हैं दोस्त, कतरा... के निकलने का
नजरफिसली नआई काम में फ़िरकोई होसियारी
नहीं मौका मिला अब के जरा सा भी संभलने का
नदी सूखी.पड़ी है, अब परिंदे ,क्या करें ?आकर
हवाओं में जलन है,,ये नहीं मौसम ,टहलने का
गुफ्तगू बा अमल कर दे बना कुछ कायदा ऐसा
यही एक रास्ता बचता है दिल की गांठ खुलने का
सफर है जिंदगी भर का ,है वादा साथ चलने का
मुसीबत ने बयां कर दी मुसीबत रिश्ते नातों की
बहाना ढूंढते हैं दोस्त, कतरा... के निकलने का
नजरफिसली नआई काम में फ़िरकोई होसियारी
नहीं मौका मिला अब के जरा सा भी संभलने का
नदी सूखी.पड़ी है, अब परिंदे ,क्या करें ?आकर
हवाओं में जलन है,,ये नहीं मौसम ,टहलने का
गुफ्तगू बा अमल कर दे बना कुछ कायदा ऐसा
यही एक रास्ता बचता है दिल की गांठ खुलने का
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