आप चाहेगें तो आएंगे मेघ वे_
आएगी गंध जिनमें बस प्रेम की
आप चाहेंगे तो गाएंगे गीत वे
बरसे जो नयनों से बरसों- बरस
गाती कोयल फुदकती गौरैया मिली
जब आए कोई देने दाना उन्हें
पाईं राधा की मीरा की अनुभूतियां
जब जब मिले जैसे कान्हा उन्हें
आप कह दें तो कह दूं सभी उलझने
जो सुलझांई हैं तुमने बरसो बरस
प्रेम पल भर का भी होता है अमर
जिसका परिणाम जग को मधुमय मिले
सौ गुना भाग्य है उस हृदय का अहो
जिसमें रहने की इच्छा तुम्हारी जगे
भाग्यशाली हैँ वे चाँद तारे सभी
जो तकते रहे तुमको बरसों बरस
आज भी तुम टटोलो अपने हृदय
एक मूरत मिले खिलखिलाती हुई
जिसपे तुम भी चढ़ाए, शतदलकमल
फूलो के दल रानी चंपा जुही
भीगता ही रहा ,पर कह न सका
एक बदली से मन की बरसों बरस
महामना
No comments:
Post a Comment