कॉटे कितने भी हो
पांव न घायल करना है तो
हटा मिटा या बीन बान कर
मार्ग बनाना ही होगा
कींचड़ कितना भी हो
श्वांस स्वच्छ लेना है तो
जीवन निर्मल रख़ना है तो
साफ इसे करना ही होगा
प्रतियोगी तो सदा रहे है
सदा रहेगी स्पर्धा
भले युद्ध तक यह पंहुचे
इसे जीतना ही होगा
संकल्पों तक है कठिनाई
उसके आगे जय ही जय है
दीर्घ काल तक रहे काल-स्व
इसे बचा रखना होगा