नजर में हूर उतरे और सुखन से नूर बरसेमुकाबिल हो अगर गर्दूं समझ लेना कि होली हैबधाई रंग-ऐ-मौसम की हवाएं गोद भर लायेंकलम जब रंग बरसाए ,समझ लेना कि होली है
नजर में हूर उतरे और सुखन से नूर बरसे मुकाबिल हो अगर गर्दूं समझ लेना कि होली है बधाई रंग-ऐ-मौसम की हवाएं गोद भर लायें कलम जब रंग बरसाए ,समझ लेना कि होली है
नीरज ने भी समझाया आपने भी समझाया नासमझ इतने कि फिर भी समझ न आया. अकड़ -पकड़ जब रंग पड़े, घिस-घिस उन्हें छुड़ाया नींद खुमारी जब उतरी तब समझा ये तो "हो" ली.
सादर अभिवादन आपकी रचना पढना बहुत अच्छा अनुभव रहा रंगो के इस त्यौहार पर सह्रिदय असीम शुभकामनाएं ...
एक मुक्तक परिचय का ..
हमारी कोशिशें हैं इस , अन्धेरे को मिटाने की हमारी कोशिशें हैं इस , धरा को जगमगाने की हमारी आंख ने काफ़ी बडा सा ख्वाब देखा है हमारी कोशिशें हैं इक , नया सूरज उगाने की
और
तीन मुक्तक होली पर
लगें छलकने इतनी खुशियां , बरसें सबकी झोली मे बीते वक्त सभी का जमकर , हंसने और ठिठोली मे लगा रहे जो इस होली से , आने वाली होली तक ऐसा कोई रंग लगाया , जाये अबके होली मे
नजरें उठाओ अपनी सब आस पास यारों इस बार रह न जाये कोई उदास यारों सच मायने मे होली ,तब जा के हो सकेगी जब एक सा दिखेगा , हर आम-खास यारों
और
मौज मस्ती , ढेर सा हुडदंग होना चाहिये नाच गाना , ढोल ताशे , चंग होन चाहिये कोई ऊंचा ,कोई नीचा , और छोटा कुछ नही हर किसी का एक जैसा रंग होना चाहिये
शुभकामनाओ सहित डा. उदय मणि http://mainsamayhun.blogspot.com
नीरज ने भी समझाया
ReplyDeleteआपने भी समझाया
नासमझ इतने कि
फिर भी समझ न आया.
अकड़ -पकड़ जब रंग पड़े,
घिस-घिस उन्हें छुड़ाया
नींद खुमारी जब उतरी
तब समझा ये तो "हो" ली.
होली पर हमारी हार्दिक शुभकामनाये .
bahut sunder abhivyakti hai holi mubarak
ReplyDeleteuttam, narayan narayan
ReplyDeleteसादर अभिवादन
ReplyDeleteआपकी रचना पढना बहुत अच्छा अनुभव रहा
रंगो के इस त्यौहार पर सह्रिदय
असीम शुभकामनाएं ...
एक मुक्तक परिचय का ..
हमारी कोशिशें हैं इस , अन्धेरे को मिटाने की
हमारी कोशिशें हैं इस , धरा को जगमगाने की
हमारी आंख ने काफ़ी बडा सा ख्वाब देखा है
हमारी कोशिशें हैं इक , नया सूरज उगाने की
और
तीन मुक्तक होली पर
लगें छलकने इतनी खुशियां , बरसें सबकी झोली मे
बीते वक्त सभी का जमकर , हंसने और ठिठोली मे
लगा रहे जो इस होली से , आने वाली होली तक
ऐसा कोई रंग लगाया , जाये अबके होली मे
नजरें उठाओ अपनी सब आस पास यारों
इस बार रह न जाये कोई उदास यारों
सच मायने मे होली ,तब जा के हो सकेगी
जब एक सा दिखेगा , हर आम-खास यारों
और
मौज मस्ती , ढेर सा हुडदंग होना चाहिये
नाच गाना , ढोल ताशे , चंग होन चाहिये
कोई ऊंचा ,कोई नीचा , और छोटा कुछ नही
हर किसी का एक जैसा रंग होना चाहिये
शुभकामनाओ सहित
डा. उदय मणि
http://mainsamayhun.blogspot.com