करे खनकती हंसी उजागर तुम भी खूब समझती हो
सीधी सच्ची बात कहूं तुम मुझ को अच्छी लगती हो
सीधी सच्ची बात कहूं तुम मुझ को अच्छी लगती हो
इन्द्रधनुष का रूप सजीला बारिश की बातें रिमझिम
साँझ सुहानी भोर सुनहरी पूनम रात बिखरती हो
चन्दन केशर नाग मुश्क का असर अर्श तक जा पहुंचे
उतरे हर धड़कन में सावन जब तुम साँझ संवरती हो
उतरे हर धड़कन में सावन जब तुम साँझ संवरती हो
कच्ची है कचनार मगर ,,आँखों में शरारत आ बैठी
रह रह कर तुम बार बार छू छू के नज़र, गुजरती हो
गर्दूं भरने लगा कुलांचें ,,,,,हसरत ने पर फैलाये
ख्वाव ले रहे अंगडाई पर ,,,शायद शर्म ,मुकरती हो
behatareen , lajawaab rachna, sabhi panktian anupam. wah.gafil ji dheron badhai.
ReplyDeleteगर्दूं भरने लगा कुलांचें ,,,,,हसरत ने पर फैलाये
ReplyDeleteख्वाव ले रहे अंगडाई पर ,,,शायद शर्म ,मुकरती ho,,
waah kya baat hai ..bahut hi khoob..!!
सीधी सच्ची बात कहूं तुम मुझ को अच्छी लगती हो ..baat seedhi hi kahni chihye.....bato bato me achhi nazam ban gyee....
ReplyDeleteचन्दन केशर नाग मुश्क का असर अर्श तक जा पहुंचे
ReplyDeleteउतरे हर धड़कन में सावन जब तुम साँझ संवरती हो
wah kshringaar ras ka adbhoot udharan.
waah kyaa ghazal hai
ReplyDeleteMadhuabala, aapki bhee pasandeeda abhinatree lagtee hai..!
ReplyDeleteBadee utsfurt, nazakat bharee rachna hai!
http://shamasansmaran.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
http://shama-kahanee.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
गर्दू गाफिल, गर्दू गाफिल-दसों दिशाओं में गूंजा
ReplyDeleteएक वाक्य है हर जुबान पर 'गर्दू! अच्छे लगते हो.
लोग तुम्हारे इश्क में पागल होकर होश न खो बैठें
अब तो झलक दिखा दो गर्दू, क्यों पर्दे में छुपते हो.
इतनी नर्म-नाज़ुक सी गजल, इतने प्यार से रची गयी है कि तारीफ के लिए अल्फाज़ बौने बौने साबित हो रहे हैं. दिल से मुबारकबाद.
कच्ची है कचनार मगर ,,आँखों में शरारत आ बैठी
ReplyDeleteरह रह कर तुम बार बार छू छू के नज़र, गुजरती हो
गर्दू जी जिंदाबाद...क्या लिखा है आपने वाह...और चित्र...आहाहहः...गज़ब...
नीरज
वाह वाह क्या बात है! बहुत ख़ूबसूरत, लाजवाब और दिलचस्प रचना लिखा है आपने! इस बेहतरीन रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ !
ReplyDeletehttp://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com
bahut hi sundar ghazal aur khubsurat madhubala ..wah!
ReplyDeleteupasthiti darj karani thi ,gazal pyaarii hai,inse dar lagta hai isiliye main aapko bas padh ke rah jati huun
ReplyDeleteसीधी सच्ची बात कहूं तुम मुझ को अच्छी लगती हो.
ReplyDeleteआपके इस सीधे सादे अन्दाज़ के क्या कहने सिर्फ वाह नहीं सौ-सौ बार वाह!
bahut hi sundar.
ReplyDelete