चांदनी चांदनी चांदनी हो गई
मुस्कुराए जो तुम चांदनी हो गई
मेरी तनहाइयाँ मुस्कुराने लगीं
मिलने आए जो तुम चांदनी हो गई
मौसमेहिज्ऱ में तब बहार आ गयी
गुनगुनाए जो तुम चांदनी हो गई
टिमटिमाते च़रागों की लौ बढ़ गई
याद आए जो तुम चांदनी हो गई
ज़िन्दगी की तलब जागउठी बाबहर
झिलमिलाए जो तुम चांदनी हो गई
खिलखिलाने लगीं खुश्बुएं हर तरफ
कुनमुनाए जो तुम चांदनी हो गई
घर लबे बाम पर चांद आया उतर
देख आए जो तुम चांदनी हो गई
[11:45AM, 16/02/2015] jgdis Gupt:
महामना गर्दूं
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