जिन भावों से अनुप्राणित हो छूट गया गृह, छोड़ा निजत्व
अभिव्यक्ति में बहे वही अमृत सरिता , वह राष्ट्र तत्व
जिसके सुख के लिए बिलखता ,छोड़ आए निज माता को
शब्द श्वांस में कृत्य कृति में गाओ उस भारत माता को
अभिव्यक्ति में बहे वही अमृत सरिता , वह राष्ट्र तत्व
जिसके सुख के लिए बिलखता ,छोड़ आए निज माता को
शब्द श्वांस में कृत्य कृति में गाओ उस भारत माता को
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