Thursday, April 4, 2019

जो मिलना है खुदा से ,खुद से मिलने का तजुर्बा कर किसी मजबूर को महफूज करने का तजुर्वा कर मोहब्बत है तो खुलकर सामने आना जरूरी है किसी आशिक की आहों पे मरने का तजुर्वा कर मुलाकातो के जरिए है जरा सा हौसला तो कर हवा भर ले परो मे और उड़ने का तजुर्वा कर कि गुमसुम को तबस्सुम दे दवा बीमार को देकर खुशी पाने ,अना को जज़्ब करने का तजुर्वा कर न यूं गमगीन हो खुद भी न कर माहौल भी वैसा दिलोजां जीतने हैं तो, बिखरने का तजुर्वा कर ये ग़रदूं की गुजारिश है गुजारो शब हमारे संग महकना है तो संदल से लिपटने का तजुर्वा कर

जो मिलना है खुदा से ,खुद से मिलने का तजुर्बा कर
किसी मजबूर को महफूज करने का तजुर्वा कर
मोहब्बत है तो खुलकर सामने आना जरूरी है
किसी आशिक की आहों पे मरने का तजुर्वा कर
मुलाकातो के जरिए है  जरा सा हौसला तो कर
हवा भर ले परो मे और उड़ने का तजुर्वा कर
कि गुमसुम को तबस्सुम दे दवा बीमार को देकर
खुशी पाने ,अना को जज़्ब करने का तजुर्वा कर
न यूं गमगीन हो खुद भी न कर माहौल भी वैसा
दिलोजां जीतने हैं तो, बिखरने का तजुर्वा कर
ये ग़रदूं की गुजारिश है गुजारो शब हमारे संग
महकना है तो संदल से लिपटने का तजुर्वा कर

No comments:

Post a Comment

LinkWithin

विजेट आपके ब्लॉग पर