
बतियाने से समय कटेगा ,
कदम उठें तो बात बनेगी
सोये रहजाना उचित नहीं ,
मत सोच कि कोई खरा नहीं
लहरों पर भी करो सवारी,,,,
उड़ना भी कुछ बुरा नही ।
किंतु न अपनी धरती छूटे,,
न जगती का छूटे मान
शत्रु से यदि रार न ठानी ,
रार स्वयं से आन ठनेगी
अन्यायी से मेल न करना ,
शक्तिमन्त्र को सदा पालना
बीज विजय का ,गीत प्रीत के ,
ऊँचें सपनों को सम्हालना
सज्जन शक्ति का संचय और
मदमत्ता का रखना ध्यान
किंचित भ्रम में मत रहना ,
धरती कोई अवतार जनेगी
कदम उठें तो बात बनेगी
सोये रहजाना उचित नहीं ,
मत सोच कि कोई खरा नहीं
लहरों पर भी करो सवारी,,,,
उड़ना भी कुछ बुरा नही ।
किंतु न अपनी धरती छूटे,,
न जगती का छूटे मान
शत्रु से यदि रार न ठानी ,
रार स्वयं से आन ठनेगी
अन्यायी से मेल न करना ,
शक्तिमन्त्र को सदा पालना
बीज विजय का ,गीत प्रीत के ,
ऊँचें सपनों को सम्हालना
सज्जन शक्ति का संचय और
मदमत्ता का रखना ध्यान
किंचित भ्रम में मत रहना ,
धरती कोई अवतार जनेगी