Thursday, September 10, 2009

सीधी सच्ची बात

करे खनकती हंसी उजागर तुम भी खूब समझती हो
सीधी सच्ची बात कहूं तुम मुझ को अच्छी लगती हो


इन्द्रधनुष का रूप सजीला बारिश की बातें रिमझिम
साँझ सुहानी भोर सुनहरी पूनम रात बिखरती हो


चन्दन केशर नाग मुश्क का असर अर्श तक जा पहुंचे
उतरे हर धड़कन में सावन जब तुम साँझ संवरती हो


कच्ची है कचनार मगर ,,आँखों में शरारत आ बैठी
रह रह कर तुम बार बार छू छू के नज़र, गुजरती हो

गर्दूं भरने लगा कुलांचें ,,,,,हसरत ने पर फैलाये
ख्वाव ले रहे अंगडाई पर ,,,शायद शर्म ,मुकरती हो

13 comments:

  1. behatareen , lajawaab rachna, sabhi panktian anupam. wah.gafil ji dheron badhai.

    ReplyDelete
  2. गर्दूं भरने लगा कुलांचें ,,,,,हसरत ने पर फैलाये
    ख्वाव ले रहे अंगडाई पर ,,,शायद शर्म ,मुकरती ho,,
    waah kya baat hai ..bahut hi khoob..!!

    ReplyDelete
  3. सीधी सच्ची बात कहूं तुम मुझ को अच्छी लगती हो ..baat seedhi hi kahni chihye.....bato bato me achhi nazam ban gyee....

    ReplyDelete
  4. चन्दन केशर नाग मुश्क का असर अर्श तक जा पहुंचे
    उतरे हर धड़कन में सावन जब तुम साँझ संवरती हो
    wah kshringaar ras ka adbhoot udharan.

    ReplyDelete
  5. Madhuabala, aapki bhee pasandeeda abhinatree lagtee hai..!
    Badee utsfurt, nazakat bharee rachna hai!

    http://shamasansmaran.blogspot.com

    http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

    http://shama-kahanee.blogspot.com

    http://kavitasbyshama.blogspot.com

    ReplyDelete
  6. गर्दू गाफिल, गर्दू गाफिल-दसों दिशाओं में गूंजा
    एक वाक्य है हर जुबान पर 'गर्दू! अच्छे लगते हो.
    लोग तुम्हारे इश्क में पागल होकर होश न खो बैठें
    अब तो झलक दिखा दो गर्दू, क्यों पर्दे में छुपते हो.
    इतनी नर्म-नाज़ुक सी गजल, इतने प्यार से रची गयी है कि तारीफ के लिए अल्फाज़ बौने बौने साबित हो रहे हैं. दिल से मुबारकबाद.

    ReplyDelete
  7. कच्ची है कचनार मगर ,,आँखों में शरारत आ बैठी
    रह रह कर तुम बार बार छू छू के नज़र, गुजरती हो

    गर्दू जी जिंदाबाद...क्या लिखा है आपने वाह...और चित्र...आहाहहः...गज़ब...
    नीरज

    ReplyDelete
  8. वाह वाह क्या बात है! बहुत ख़ूबसूरत, लाजवाब और दिलचस्प रचना लिखा है आपने! इस बेहतरीन रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ !
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com

    ReplyDelete
  9. bahut hi sundar ghazal aur khubsurat madhubala ..wah!

    ReplyDelete
  10. upasthiti darj karani thi ,gazal pyaarii hai,inse dar lagta hai isiliye main aapko bas padh ke rah jati huun

    ReplyDelete
  11. सीधी सच्ची बात कहूं तुम मुझ को अच्छी लगती हो.
    आपके इस सीधे सादे अन्दाज़ के क्या कहने सिर्फ वाह नहीं सौ-सौ बार वाह!

    ReplyDelete

LinkWithin

विजेट आपके ब्लॉग पर