Saturday, August 24, 2024

दुर्गा

जो पंचाग नहीं देखते मुर्गे वही हैं
जो सर झुकाए मानते गुर्गे वही हैं
भरने जो तत्पर खड़ी खप्पर लिए
रक्त अपराधी का पीने दुर्गे वही हैं

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